Sunday 31 July 2016

एक आवाज एक धमाका " धडाम "

शब्दांकन पढिये एक तस्वीर ...  पढाती हूँ ||
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एक आवाज एक धमाका " धडाम "
उड़े जिस्म बनकर चीथड़े " भड़ाम"
एक बाजू उखड़ कर गिरी सडक पर
दूजी आधी होकर बोली " सड़ाम"
चीखा जो ऊपर उड़कर हो शांत
गिरा पत्थर सा सडक पर " कड़ाम "
जाने किसका बेटा था रक्तरंजित
जाने किसका लुट चुका था " सुहाग"
फटे कपड़ो से आधे तिहाई जिस्म
मुश्किल हैं पहचान दफन या " आग "
गुनाह उनका तो बताये कोई आतंकी
कोई उनका जल जाये लगे जो "आग "
चले दर्द रिश्तों का उनके भी साथ
खिलौने कूकर ब्रीफकेस "मौत का साथ"
दूर तक बिखरा लहू संग अधजले जिस्म
काली स्याह अधजली देह भीतर से झांकता " ताजा मांस"
बिखरी हुई मोटरसाईकिल टूटी कार
नजर में दूर तक मंजर " लहुलुहान "
ये धोखा किसको इंसान को या खुदा को
न मिलेगी जन्नत न हूर लिख लो आज
--------- विजयलक्ष्मी

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