Tuesday 8 December 2015

" संसद को वक्त ही न छोड़ा किसी की भूख प्यास के लिए "

" दाल औ प्याज की बढ़ते रुख पर सरकार बदलती है ,,
कहते वही लोग क्या किया सरकार ने किसान के लिए ||

नमकीन काजू साथ लेके जाम शाम से रंगीन है फिजा
मशवरा के ठाठ कितने जबर्दस्त गरीब इंसान के लिए ||

अरे गरीबों मर रहे हो क्यूँ तुम अभी बिमारी औ भूख से
संसद को वक्त ही न छोड़ा किसी की भूख प्यास के लिए  ||"
---- विजयलक्ष्मी

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