Tuesday 24 July 2012

अजब सी कहानी है दोनों दीवाने ...


स्वतंत्रता सेनानी : आजाद हिंद फ़ौज की सेनानी श्रद्धेय लक्ष्मी सहगल जी के निर्वाण और
शहीद चन्द्रशेखर आजाद जी के जन्मदिवस पर शत शत नमन व् श्रद्धासुमन ...
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आज अजीब सा दिन है ...
एक जिंदगी जा रही है विदा हों जहाँ से ..
दूसरी और जिंदगी के आने का दिन ये मुकर्रर..
अजब सी कहानी है दोनों दीवाने ...
अपने वतन पर जाँ लुटा दे..
लक्ष्मीबाई सरीखी लडती चली वो नाम को नाम फिर से देती चली वो ..
लुटा दी जाँ एक ने गोलियों से ..
वतन पे फ़िदा थे वो आजाद थे परतंत्र देश मैं भी ...
स्वाधीनता जिनकी मंजिल बनी थी ..
लहू के कतरों से जिनके वो दुल्हन सजी थी ,
एक वो चली जाँ आज जवानी जिसने वतन पे लुटा दी ...
आखिरी सांस तक देश सेवा में बिता दी..
एक वो है जिन्हें न फुर्सत हुई दो आंसूं बहा दे..
याद में वतन पे मिटने वालों की चिता ही सजा दे..
न फुर्सत उन्हें देश बेचने से अब भी ..
हौसले है इतने फिर आजादी मिटा दें...
अभी साँस उनकी रुकने न पायी ...
रूहें भी रोती होगीं उनकी देके दुहाई
कैसा अजब ये दिन आज आया ..
शब्दों में बांधूं अब किसका साया ...
दोनों ही दीवाने दोनों मस्ताने ..
देश पे खुद को मिटा कर चले वो ...
उन्हें भावनाओं का शत शत नमन है
कैसे उनके घर?और घर वाले .....
उनका अपना घर से पहले वतन है . --विजयलक्ष्मी
                               
                                                                                               

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