दीपक और बाती वाले से न चिक चिक न खिटखिट ..
और तुम ....
रौशनी जैसे भी करो ...
मगर ..याद है न ..
पूजा तो माटी के दीप से ही होती है
उसका दिल दुख तो ..
पूजा व्यर्थ ..
मेहनताना तो पूरा दो
वो प्रभु और तुम्हारे बीच तारतम्य स्थापित करता है
उसके आंसूं निकले तो ..
मुस्कान नहीं आंसू ...हिस्सेदार होंगे
याद रखना ..
पूजा .
.माटी के दीप
और ...
मुस्कान...मतलब
दीपावली शुभ और मंगलमय !! ---- विजयलक्ष्मी
और तुम ....
रौशनी जैसे भी करो ...
मगर ..याद है न ..
पूजा तो माटी के दीप से ही होती है
उसका दिल दुख तो ..
पूजा व्यर्थ ..
मेहनताना तो पूरा दो
वो प्रभु और तुम्हारे बीच तारतम्य स्थापित करता है
उसके आंसूं निकले तो ..
मुस्कान नहीं आंसू ...हिस्सेदार होंगे
याद रखना ..
पूजा .
.माटी के दीप
और ...
मुस्कान...मतलब
दीपावली शुभ और मंगलमय !! ---- विजयलक्ष्मी
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